ग़ज़ल और मापनी

ग़ज़लें भी तो किसी मापनी के अनुसार लिखीं जा सकती हैं। तो गीत गतिरूप में ग़ज़ल की जाँच मापनी के अनुसार कैसे हो?

नई रचना यदि आपने ग़ज़ल कह कर शुरु की है


ग़ज़ल के अनुसार प्रतिरूप पाया। उसमें जो बदलाव करने थे किए। अब आप उसे मापनी के अनुसार देखना चाहते हैं। तो जो रचना का प्रकार है, उसे बदल दीजिए (हरे रंग से मार्क किया है)।


“कविता” चुनने पर आपको मापनी सुविधा मिल जायगी


अब आप मन चाहा मापनी देकर उसी रचना का विश्लेषण मापनी के अनुसार कर सकते हैं। नई रचना बनाने की कोई ज़रूरत नहीं।

इसी तरह हर की सुविधा आप किसी भी रचना के लिए पा सकते हैं, बस सॉफ़्टवेयर को बता दीजिए कि रचना को वह किस प्रकार की समझे।

इस पोस्ट में उदाहरण स्वरूप दुष्यन्त कुमार की ग़ज़ल “हो गई है पीर पर्वत की पिघलनी चाहिए” का प्रयोग किया गया है।

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