मुक्त कविता की सुविधा

गीत गतिरूप में अब मुक्त-कविता में स्थित लय को परखने के लिए सुविधा उपलब्ध है। इस सुविधा के उपयोग की विधि है –

दोस्तों, गीत गतिरूप में अब मुक्त-कविता में स्थित लय को परखने के लिए सुविधा उपलब्ध है।

इस सुविधा का आधार काव्यालय का यह लेख है: Basic Structure of Hindi Poetry – Rhythm in Mukt Kavita. छंदबद्ध न होने पर भी प्रभावकारी मुक्त कविता में एक निहित छंद और लय होता है| लेख में कई उदाहरणों के साथ यही चर्चा की गई है| छंद के अलावा और किस प्रकार से कवि रचना में लय की अनुभूति दे सकता है, इसकी भी चर्चा की गई है|

मुक्त कविता की सुविधा का उपयोग की विधि

विधि बताने  के लिए हमने यहाँ विनोद तिवारी जी की कविता “जीवन दीप” के अंश का उपयोग किया है।

यह विशाल ब्रह्मांड
यहाँ मैं लघु हूँ
लेकिन हीन नहीं हूँ।
मैं पदार्थ हूँ
ऊर्जा का भौतिकीकरण हूँ।
नश्वर हूँ,
पर क्षीण नहीं हूँ।
मैं हूँ अपना अहम‌
शक्ति का अमिट स्रोत, जो
न्यूटन के सिद्धान्त सरीखा
परम सत्य है,
सुन्दर है, शिव है शाश्वत है।
मेरा यह विश्वास निरन्तर
मेरे मानस में पलता है।
मेरा एक दीप जलता है।

मुक्त कविता अनुरूप विश्लेषण के लिए, “मुक्त कविता” चेक बाक्स पर क्लिक करिए।

प्रतिरूप में हर पंक्ति के कुल मात्रा संख्या के करीब एक काली रेखा बनेगी।

जिन पंक्तियों को लय के अनुसार आप एक साथ रखना चाहते हैं, उन्हें सम्मिलित करने के लिए इस पास की काली रेखा पर क्लिक करें। पंक्ति नीचे वाली पंक्ति के संग जुड़ जाएगी, और दोनों पंक्तियों को मिलाकर कुल मात्रा संख्या कितनी होती है, वह दिखेगा।

लम्बी खड़ी काली रेखा पर क्लिक करके आप सम्मिलित पंक्तियों को पुन: अलग कर सकते हैं।

आपकी कविता मूल कितने बहर का अनुसरण करती है, यह नीचे “मूल बहर” में स्पष्ट करें – जैसे कि यह कविता “जीवन दीप” का मूल बहर १६ है। मूल बहर की संख्या देने से सम्मिलित पंक्तियों की मात्रा संख्या मूल बहर से कितना ज्यादा या कम है, वह लाल में स्पष्ट होगा।

इसके अनुसार, आप अपनी पंक्तियों में संशोधन कर सकते हैं, जैसा आपको उचित लगे। गीत गतिरूप में पहले से जो दीर्घ स्वरों को एक मात्रा निर्धारित करने की, और आधे अक्षरों की मात्रा तय करने की सुविधा है, उनका उपयोग आप अपनी मुक्त कविता की पंक्तियों में भी कर सकते हैं।

ऊपर उदाहरण में “ऊर्जा” शब्द के उच्चारण में “ऊजा” जितना वक्त ही लगता है (पांचवी पंक्ति: ऊर्जा का भौतिकीकरण हूँ)। अत: हम “आधा र” पर क्लिक करके उसे शून्य मात्रा निर्धारित करेंगे।

परिणाम:

मुक्त कविता में लय की भूमिका के विषय में और विस्तार से जानने के लिए यह लेख पढ़ें


कुछ दोस्तों ने गीत गतिरूप को अपने कम्प्यूटर पर उतारने की सुविधा का अनुरोध किया है। जिससे कि आप इन्टरनेट के बिना गीत गतिरूप का उपयोग कर सकें। इस पर काम ज़ारी है। जैसे ही सुविधा उपलब्ध हम यहाँ पोस्ट करेंगे, और जिन्होंने अपना ईमेल दर्ज किया है, उन्हे ईमेल भेजेंगे।

गीत गाता चल ओ साथी, गुनगुनाता चल!


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